Friday, March 5, 2010

तब्बसुम-ऐ-यार

यादों कि डालियों पे
ख़्वाबों ने
जज्बादों के धरौंदों पर
अनगिनत लम्हों का
सुंदर आशिआना बना रखा है
दिल के आँगन में
अरमानो के मनमोहक
खिलखिलाते फूलों से सजी
हसरतों कि डोली में बैठी
उम्मीदों कि नई  नवेली दुल्हन
दामन में अनेक आरजुओ को समेटे
सपनो के समंदर में
अनमोल पलों को संजोए
लहरों के साथ
डूबती चली जा रही है
नयनो के सावन से बरसती
रिमझिम बौछार में
चित, मौर सा अठखेलियाँ करता
नजाने किस किस देश में
किस किस डगर पर
मस्ती में पंख बिखेरे
आशाओं कि पगडंडियों पर
नृत्य कर
बड़ी ही शिद्दत से
अरमानों का झूला
झूल रहा है
यादों कि डालियों पे
ख़्वाबों ने...

37 comments:

Anonymous said...

वाह वाह - शब्दों के अनूठे संगम से सजी लाजवाब अभिव्यक्ति.

ज्योति सिंह said...

किस किस डगर पर
मस्ती में पंख बिखेरे
आशाओं कि पगडंडियों पर
नृत्य कर
बड़ी ही शिद्दत से
अरमानों का झूला
झूल रहा है
यादों कि डालियों पे
ख़्वाबों ने...
bahut hi laazwaab rachna hai ,happy holi aapko ,ye rang bhi khoobsurat hai

Rohit Singh said...

यादों कि डालियों पे
ख़्वाबों ने...

सही कहा है सबकी यादों की डालियों पर जाने कितने ख्वाब हैं....ये यादें तंग भी बहुत करती हैं..
आपकी कविता में उमंग है.....बरकरार रहे यही दुआ है...

वैसे जाने क्यों एक गाना याद आ गया आपकी कविता पढ़कर ...

फूलों की डोली में तुझको बिठाकर
यादों को तेरी मैं दुल्हन बनाकर
रखूंगा दिल के पास
मत हो जां मेरी उदास

Dr. Tripat Mehta said...

bahut bahut shukriya :)

SURINDER RATTI said...

Tripat Ji,

Sunder likha hai आशाओं कि पगडंडियों पर
नृत्य कर
बड़ी ही शिद्दत से
अरमानों का झूला
झूल रहा है
यादों कि डालियों पे
ख़्वाबों ने... Badhai.....
Surinder Ratti

nil said...

Ati sundar.

Im sorry,I'm not good in hindi at all, left it in 6th grade.
But I really love and enjoy reading what you write.
Beautiful. Really :)

daanish said...

kavya-rachnaa sundar hai
mn pr prabhaav chhortee hai...
badhaaee .

Hayley said...

Hey
this is really nice one..love it..please can you write something on mothers..I would love it..

cheers

देवेन्द्र पाण्डेय said...

आपकी कविता का प्रवाह आनंद दायक है यूँ लगता है कि मन की नाव यादों की नदिया में बही जा रही है.
...बधाई.
टंकण त्रुटी..
धरौन्दों... घरौंदों

Dr. Tripat Mehta said...

@ Surinder Ratti - shukriya :)
@ nil - no worries m still glad u liked my post :)
@ Muflis - bahut bahut shukriya :)
@ jagruti - thx and off course i will soon write something on mother
@ bechaan Atma - bahut bahut shukriya :) and off course thanks for highlighting the mistakes :)

Unknown said...

wahooooo yar its awsome ....!!
Jai HO Mangalmay HO

ज्योति सिंह said...

itni sundar rachna hai ki phir padhne aa gayi .

Dr. Tripat Mehta said...

@ Vivek - thx a lot :)
@ Jyoti Ji - ye mere aho bhaag .. ye to aapka badappan :)

Mr Happy said...

wah kya baat hain , but i found it really fast,,,perhaps if it would had few stops to ponder on , it would have been gr8,,,,

anyways thats my thought and i am a naive in this :)

kshama said...

Aapki duniya is rachanakee bhanti bani rahe!

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar said...

आशाओं कि पगडंडियों पर
नृत्य कर
बड़ी ही शिद्दत से
अरमानों का झूला
झूल रहा है
यादों कि डालियों पे
ख़्वाबों ने.
Bahut sundar bhavon kee khoobasurat prastuti.

Dr. Tripat Mehta said...

@ Linclon - thanks for ur guidance will keep this thing in my mind
@ kshama - shukriya :)
@ hemant - bahut bahut shukriya :)

Chandrika Shubham said...

Beautifully written. :)

shama said...

बड़ी ही शिद्दत से
अरमानों का झूला
झूल रहा है
यादों कि डालियों पे
ख़्वाबों ने...
Waise to harek shabd sundar hai!

Sakthi said...

nice

Urmi said...

बहुत ख़ूबसूरत और शानदार रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!

Dr. Tripat Mehta said...

bahut bahut shukriya :)

kavi surendra dube said...

वह -वह ,बहुत खूब

kavi surendra dube said...

वह -वह ,बहुत खूब

Reetika said...

naazuk si rachna ..

Dr. Tripat Mehta said...

@ kavisurendradube - shukriya
@ reetika - jawaab nahi aapki peani nazar ka :)

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" said...

उपमाओं से सजी इस सुन्दर रचना के लिए बधाई !

Unknown said...

Damn! Hindi poetry can be so great.. Must try to read more of my mother tongue :)

Poet suggestions?

Dr. Tripat Mehta said...

@ republic - thanks a lot

sulagna said...

prerna...girl you are really talented...such well written poetry in Hindi

Dr. Tripat Mehta said...

@ Sulagna - thanks a lot u liked it..m just a beginner :)

sm said...

nice poem
बड़ी ही शिद्दत से
अरमानों का झूला
झूल रहा है
यादों कि डालियों पे
ख़्वाबों ने...

Unknown said...

Thanks so much for your recommendation :)

Anya said...

I was there
on that blog ?!?!
Thanks for telling me ....

Have a Happy weekend
(@^.^@)

Ankit said...

Bahut hi khoobsurat !!

m just at loss of words to describe more !!!

I can only say its the best as of now !!

the part I liked the most was
बड़ी ही शिद्दत से
अरमानों का झूला
झूल रहा है
यादों कि डालियों पे
ख़्वाबों ने

Happy blogging and tk cr !!!

संजय भास्‍कर said...

वह -वह ,बहुत खूब

संजय भास्‍कर said...

मुझे आपका ब्लोग बहुत अच्छा लगा ! आप बहुत ही सुन्दर लिखते है ! मेरे ब्लोग मे आपका स्वागत है !

नजाने क्यों

 नजाने क्यों, सब को सब कुछ पाने की होड़ लगी है नजाने क्यों, सब को सबसे आगे निकलने की होड़ लगी है जो मिल गया है, उसको अनदेखा कर दिया है और जो...