Sunday, February 22, 2009

वक्त की भी अजीब कशमकश है....

वक्त की भी अजीब कशमकश है
की वो है तो हम नही और
जो आज हम है तो उनका निशाँ गुम है
वक्त की भी अजीब कशमकश है

जानता है दीवाना दिल की वो नही है इसकी मंजिल
फिर भी उसी रह पर चलने का शौकीन है
वक्त की भी अजीब कशमकश है

न कोई गिला न शिकवा है उनसे
की वो तो हाले - दिल से बेखबर है
वक्त की भी अजीब कशमकश है

वो सादगी में बिता गए हजारो लम्हे
हर पल में मानो ज़िन्दगी जी ली हो हमने
वक्त की भी अजीब कशमकश है

मूँद ली थी आँखें हमने तो उनके इंतज़ार में
पर दगाबाज़ सांसें बह रही है उनकी यादों के भंवर में
वक्त की भी अजीब कशमकश है

न हो सके हम उनके फिर भी है इक तस्सल्ली
की होगा मिलन रूह का रूह से अगले जहान में
वक्त की भी अजीब कशमकश है...

Friday, February 20, 2009

"कसक"

वो आए,
और कुछ इस कदर आए की
उनका आना पता भी न चला
वो लाए अपने साथ हजारो सपने,
और चुपके से सज़ा दिए आँखों में
वो लाए बिखेरते अनगिनत खुशियाँ चारो तरफ़,
और भर दिया सूना दामन
वो लाए साथ अपने मेघ प्रेम के,
और बरस कर चल भी दिए
अभी तो आने की आहट भी नही हुई ,
और वो चल दिए
वो गए कुछ इस तरह की,
सपने टूट कर आँखों से बह गए
वो गए कुछ इस तरह की,
खुशियों ने भी दामन छोड़ दिया
वो गए कुछ इस तरह की,
नीर बहता चला गया
फरक सिर्फ़ इतना था,
पहले मेघ बरसाते रहे
और अब नैन

Wednesday, February 18, 2009

इंतज़ार

हाँ तुझसे प्रेम है,
जब से मैं हूँ तब से प्रेम है

न जमाने मैं है दम, न ख़ुद तुझमे है ताकत
की बाँध सके बेडिया मेरे कदमो में

दर
दर भटक रहे है तेरे चाहने वाले
लिए आरजू तेरे "दरस" की मन में

तेरी बंदगी ही है अब ज़िन्दगी मेरी
तेरी इबादत ही मेरा जुनून

होगी
तो ख़बर तुझे भी तेरे दीवाने की
फिर क्यों है ये पहरे दरमियान -ऐ - फान्सलों के

सिर्फ़ एक झलक जो दिख जाए तेरी
चल रही है "साँसों" की लड़ी इसी इंतज़ार में

Monday, February 16, 2009

दरस

जाने कब से तुझसे प्यार है,
तू मेरा दोस्त तू ही यार है।
तेरा साथ है तो जीवन वरदान है,
जो तू नही तो मेरी क्या पहचान है।
तेरी याद में गुजरा वक्त ही मेरा जहान है,
तू जमीन तू ही आसमान है।
तू कृपा का सागर अपार है,
बस तेरा "दरस" ही जीवन का आधार है।

Sunday, February 1, 2009

तुझे आना होगा...


है हर पल तेरा इंतज़ार
तुझे आना होगा
बैठीं हूँ नज़रें बिछाए राह पर
तुझे आना होगा
दरस की "कसक" बड़ा दी फान्सलों ने
तुझे आना होगा
कर चुकी हूँ ख़ुद को तबाह तेरे इश्क में
तुझे आना होगा
है यकीन मुझे मेरी इबादत पे
तुझे आना होगा
तुझे आना होगा...

नजाने क्यों

 नजाने क्यों, सब को सब कुछ पाने की होड़ लगी है नजाने क्यों, सब को सबसे आगे निकलने की होड़ लगी है जो मिल गया है, उसको अनदेखा कर दिया है और जो...