Saturday, January 2, 2010

सोहना सजन

सर्दियों की मखमली धूप से भी ज्यादा
कोमल है तेरी यादों का स्पर्श
तेरे साथ बीता मेरा हर पल, मादक है
कहतें है मदहोशी की बातें
ज़हन में नहीं रहतीं
मगर तेरे साथ का ये कैसा नशा है
कि
इक इक पल याद बन कर दौड़ रहा है
मेरी देह में लहू के साथ
बहुत बार छलकी ये आँखें
बहुत बार गीली हुई ये पलकें
मगर इतना दम किसी जज्बाद में नहीं था
की ले बहें खुद के साथ
मेरे सोहने यार के सुन्दर एहसास को
एक अजब नशा है, एक गज़ब मजा है
मेरी आँखों में बसी तेरी तस्वीर में
तेरा हर अंदाज़ निराला है
तेरा हर कदम मतवाला है
जब होती हूँ रु-ब-रु तुझसे मेरे ख़्वाबों में
कही न होते हुए भी
तू हर पल मेरे संग है
मेरे ख्यालों के कारवां में बस तू है
जहान में न था, न होगा
मेरे सनम सा सुन्दर कोई
जिसकी आँखों में तेज
चेहरे पर मुस्कान है
बस यही तो मेरे सोहने यार की पहचान है

41 comments:

डाॅ रामजी गिरि said...

मोहक रूमनियात है आपके अंदाज़े-बयां में :-)

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar said...

Prerana ji,
Bahut hee sundar aur achche bhavon ko apne shabdon men piroya hai.ummeed hai age bhee aise hee likhengee.shubhakamnayen.
HemantKumar

लता 'हया' said...

shukria,

aapka sajan waaqayi bahut sohna hai .

Razi Shahab said...

very nice bahut badhiya

देवेन्द्र पाण्डेय said...

भावनाओं की सुंदर अभिव्यक्ति

Unknown said...

prerna ji , sabse pahle to shubham varsh ki shubhkamnayen ....!!

bahut saral or sundar bhawo ke sath aapne apni lekhni se sajaya hai....wahhhh likhte rahen !!
swagat hai ....

Jai HO Mangalmay Ho

شہروز said...

nice poetry!

Anonymous said...

"सोहना सजन" और सोहना हो - नव वर्ष २०१० की मंगल कामनाओं के साथ.

SURINDER RATTI said...

Prerna,
Nav Versh Ki Shubh Kaamnayein...
Bahut achchi panktiyaan hai aur sunder bhaav ... Surinder
सर्दियों की मखमली धूप से भी ज्यादा
कोमल है तेरी यादों का स्पर्श

संगीता पुरी said...

इस नए वर्ष में नए ब्‍लॉग के साथ आपका हिन्‍दी ब्‍लॉग जगत में स्‍वागत है .. आशा है आप यहां नियमित लिखते हुए इस दुनिया में अपनी पहचान बनाने में कामयाब होंगे .. आपके और आपके परिवार के लिए नया वर्ष मंगलमय हो !!

varsha said...

जहान में न था, न होगा
मेरे सनम सा सुन्दर कोई
जिसकी आँखों में तेज
चेहरे पर मुस्कान है
बस यही तो मेरे सोहने यार की पहचान है
mohabbat ke is jazbe ko salaam.

रंजू भाटिया said...

अच्छा लगा आपका लिखा पढना ..शुक्रिया

rachana said...

सर्दियों की मखमली धूप से भी ज्यादा
कोमल है तेरी यादों का स्पर्श

सर्दियों की मखमली धूप से भी ज्यादा कोमल नव वर्ष की नवल कोमल कामनाएं

daanish said...

bahut hi nayaari rachnaa...
ek-ek lafz padh kar yooN lagaa
k kisi 'sohne-yaar' ka didaar ho hi gayaa . . .

हरकीरत ' हीर' said...

जहान में न था, न होगा
मेरे सनम सा सुन्दर कोई
जिसकी आँखों में तेज
चेहरे पर मुस्कान है
बस यही तो मेरे सोहने यार की पहचान है

आ...हा...प्रेरणा जी आपके सोहने के चेहरे पे यूँ ही मुस्कान खिली रहे और आप दोनों मुस्कुराते रहे .....!!

मनोज भारती said...

भावों से ओत-प्रेत एक सुंदर रचना ... आप का प्रेम उस बुलंदी पर पहुँचे जहाँ प्रेमी-प्रेमिका मिट जाते हैं और सोहने सजन में उस एक की प्राप्ति हो जाती है ।

Dr. Tripat Mehta said...

bahut bahut shukriya..aap sab ka

Prem Farukhabadi said...

जहान में न था, न होगा
मेरे सनम सा सुन्दर कोई
जिसकी आँखों में तेज
चेहरे पर मुस्कान है
बस यही तो मेरे सोहने यार की पहचान है
bahut hi sundar bhav.

अभिषेक मिश्र said...

Aapkwe bhaon se ahmat hun.

Chandrika Shubham said...

Nice poem! Emotions are so well expressed. Very touching indeed!

Best wishes. :)

NR said...

Bahut khoob...acha se likha hua hai!!

कडुवासच said...

... सुन्दर रचना !!!!

Hayley said...

Hi stumbled by here from the other blog..beautiful posts and great poems and articals to read..following you:))keep up the good writing..

cheers

Joy Of Cooking

Bhavesh Chhatbar said...

बहोत अच्छे!

I guess you've not noted that the award is for your blogs too. Please take it and showcase it on your blogs :)

Dr. Tripat Mehta said...

but i dont 9 how to show case it :(

Tavish Chadha(sensible-bakwas.com) said...

Thanks for visiting my blog Prerna and thanks for those comments... u r an amazibng writer... i have just written one poem in hindi... but i find it tough... but yeah hats off to you... could litrally feel every word you wrote... u have a fan here :)

Cheers!
Tavish
Latest Blog Post: To the love that once was...

Dr. Tripat Mehta said...

@ Tavish pleasure is completely mine..."beauty always lies in the eyes of beholders" :)

Thanks a lot..

Brian Miller said...

you are with me evry moment. could not translate all th words but felt this one....

sulagna said...

hi prerna thanks for dropping by ...and you wrote this poem yourself..beautiful !

Sakthi said...

hi

nil said...

wow. Loved it. absolutely:)

Dr. Tripat Mehta said...

@ Miller yes u r absolutely right
@ sulagna thanks for the complement
@ nil..thanks

के सी said...

सूफी काव्य सी रचना है, इस निगाह से जिसे देखें वही दिखाई देगा. खूबसूरत.

Dr. Tripat Mehta said...

shukriya

ज्योति सिंह said...

bahut hi aabhari hoon aapki jo itni pyaari aur resham si rachna padhwai na aate tum mere dar ,na hum tere didar ko aate ,shukriya ek baar phir aane ka .

Arpit said...

lovely poem.. :)

Keep Writing..

Reetika said...

khule dil se beh chala koi.... beba... likhti rahiye..

Ashish (Ashu) said...

ऐसी कवितायें रोज रोज पढने को नहीं मिलती...इतनी भावपूर्ण कवितायें लिखने के लिए आप को बधाई...शब्द शब्द दिल में उतर गयी...वाह.सुन्दर कवितायें बार-बार पढने पर मजबूर कर देती हैं. आपकी कवितायें उन्ही सुन्दर कविताओं में हैं.

Dr. Tripat Mehta said...

shukriya ashish..
sundarta dekhne waalon ki aankhon mein chipi hoti hai..bahar kahi nahi :)

Reetika said...

pyara likha hai...

संजय भास्‍कर said...

Bahut khoob...acha se likha hua hai!!

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