सर्दियों की मखमली धूप से भी ज्यादा
कोमल है तेरी यादों का स्पर्श
तेरे साथ बीता मेरा हर पल, मादक है
कहतें है मदहोशी की बातें
ज़हन में नहीं रहतीं
मगर तेरे साथ का ये कैसा नशा है
कि
इक इक पल याद बन कर दौड़ रहा है
मेरी देह में लहू के साथ
बहुत बार छलकी ये आँखें
बहुत बार गीली हुई ये पलकें
मगर इतना दम किसी जज्बाद में नहीं था
की ले बहें खुद के साथ
मेरे सोहने यार के सुन्दर एहसास को
एक अजब नशा है, एक गज़ब मजा है
मेरी आँखों में बसी तेरी तस्वीर में
तेरा हर अंदाज़ निराला है
तेरा हर कदम मतवाला है
जब होती हूँ रु-ब-रु तुझसे मेरे ख़्वाबों में
कही न होते हुए भी
तू हर पल मेरे संग है
मेरे ख्यालों के कारवां में बस तू है
जहान में न था, न होगा
मेरे सनम सा सुन्दर कोई
जिसकी आँखों में तेज
चेहरे पर मुस्कान है
बस यही तो मेरे सोहने यार की पहचान है
Saturday, January 2, 2010
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नजाने क्यों
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41 comments:
मोहक रूमनियात है आपके अंदाज़े-बयां में :-)
Prerana ji,
Bahut hee sundar aur achche bhavon ko apne shabdon men piroya hai.ummeed hai age bhee aise hee likhengee.shubhakamnayen.
HemantKumar
shukria,
aapka sajan waaqayi bahut sohna hai .
very nice bahut badhiya
भावनाओं की सुंदर अभिव्यक्ति
prerna ji , sabse pahle to shubham varsh ki shubhkamnayen ....!!
bahut saral or sundar bhawo ke sath aapne apni lekhni se sajaya hai....wahhhh likhte rahen !!
swagat hai ....
Jai HO Mangalmay Ho
nice poetry!
"सोहना सजन" और सोहना हो - नव वर्ष २०१० की मंगल कामनाओं के साथ.
Prerna,
Nav Versh Ki Shubh Kaamnayein...
Bahut achchi panktiyaan hai aur sunder bhaav ... Surinder
सर्दियों की मखमली धूप से भी ज्यादा
कोमल है तेरी यादों का स्पर्श
इस नए वर्ष में नए ब्लॉग के साथ आपका हिन्दी ब्लॉग जगत में स्वागत है .. आशा है आप यहां नियमित लिखते हुए इस दुनिया में अपनी पहचान बनाने में कामयाब होंगे .. आपके और आपके परिवार के लिए नया वर्ष मंगलमय हो !!
जहान में न था, न होगा
मेरे सनम सा सुन्दर कोई
जिसकी आँखों में तेज
चेहरे पर मुस्कान है
बस यही तो मेरे सोहने यार की पहचान है
mohabbat ke is jazbe ko salaam.
अच्छा लगा आपका लिखा पढना ..शुक्रिया
सर्दियों की मखमली धूप से भी ज्यादा
कोमल है तेरी यादों का स्पर्श
सर्दियों की मखमली धूप से भी ज्यादा कोमल नव वर्ष की नवल कोमल कामनाएं
bahut hi nayaari rachnaa...
ek-ek lafz padh kar yooN lagaa
k kisi 'sohne-yaar' ka didaar ho hi gayaa . . .
जहान में न था, न होगा
मेरे सनम सा सुन्दर कोई
जिसकी आँखों में तेज
चेहरे पर मुस्कान है
बस यही तो मेरे सोहने यार की पहचान है
आ...हा...प्रेरणा जी आपके सोहने के चेहरे पे यूँ ही मुस्कान खिली रहे और आप दोनों मुस्कुराते रहे .....!!
भावों से ओत-प्रेत एक सुंदर रचना ... आप का प्रेम उस बुलंदी पर पहुँचे जहाँ प्रेमी-प्रेमिका मिट जाते हैं और सोहने सजन में उस एक की प्राप्ति हो जाती है ।
bahut bahut shukriya..aap sab ka
जहान में न था, न होगा
मेरे सनम सा सुन्दर कोई
जिसकी आँखों में तेज
चेहरे पर मुस्कान है
बस यही तो मेरे सोहने यार की पहचान है
bahut hi sundar bhav.
Aapkwe bhaon se ahmat hun.
Nice poem! Emotions are so well expressed. Very touching indeed!
Best wishes. :)
Bahut khoob...acha se likha hua hai!!
... सुन्दर रचना !!!!
Hi stumbled by here from the other blog..beautiful posts and great poems and articals to read..following you:))keep up the good writing..
cheers
Joy Of Cooking
बहोत अच्छे!
I guess you've not noted that the award is for your blogs too. Please take it and showcase it on your blogs :)
but i dont 9 how to show case it :(
Thanks for visiting my blog Prerna and thanks for those comments... u r an amazibng writer... i have just written one poem in hindi... but i find it tough... but yeah hats off to you... could litrally feel every word you wrote... u have a fan here :)
Cheers!
Tavish
Latest Blog Post: To the love that once was...
@ Tavish pleasure is completely mine..."beauty always lies in the eyes of beholders" :)
Thanks a lot..
you are with me evry moment. could not translate all th words but felt this one....
hi prerna thanks for dropping by ...and you wrote this poem yourself..beautiful !
hi
wow. Loved it. absolutely:)
@ Miller yes u r absolutely right
@ sulagna thanks for the complement
@ nil..thanks
सूफी काव्य सी रचना है, इस निगाह से जिसे देखें वही दिखाई देगा. खूबसूरत.
shukriya
bahut hi aabhari hoon aapki jo itni pyaari aur resham si rachna padhwai na aate tum mere dar ,na hum tere didar ko aate ,shukriya ek baar phir aane ka .
lovely poem.. :)
Keep Writing..
khule dil se beh chala koi.... beba... likhti rahiye..
ऐसी कवितायें रोज रोज पढने को नहीं मिलती...इतनी भावपूर्ण कवितायें लिखने के लिए आप को बधाई...शब्द शब्द दिल में उतर गयी...वाह.सुन्दर कवितायें बार-बार पढने पर मजबूर कर देती हैं. आपकी कवितायें उन्ही सुन्दर कविताओं में हैं.
shukriya ashish..
sundarta dekhne waalon ki aankhon mein chipi hoti hai..bahar kahi nahi :)
pyara likha hai...
Bahut khoob...acha se likha hua hai!!
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