Saturday, June 26, 2010

ग़ज़ल

चले आए हैं तेरे दर पे कि
आज जाने कि जल्दी नहीं

किसी कि नजरों का इंतज़ार बनें कि
आज हमारे घर कोई नहीं

हैं भटक राहों में दर बदर रहें कि
आज मयखाने में प्यास बुझती नहीं

हो गया है याराना अन्धकार से कि
आज दिल-ऐ-चिराग ले रोशनी होती नहीं

अलफ़ाज़ बेकरार हैं होने को नज़म तरस के कि
आज सुरों कि बरसात होती नहीं

झुलस उठा है अंतर्मन ऐ "तृप्त" कि
आज बरखा भी दामन भिगोती नहीं


34 comments:

kshama said...

झुलस उठा है अंतर्मन ऐ "तृप्त" कि
आज बरखा भी दामन भिगोती नहीं
Aah! Manki ghutan pratibimbit ho rahi hai...!

Udan Tashtari said...

बहुत उम्दा!

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" said...

चले आए हैं तेरे दर पे कि
आज जाने कि जल्दी नहीं

वाह ! बहुत सुन्दर !

nil said...

Bautifully written, as always.
:)

and mai aaj kal aapko mere blog mein kyu nahi dekhti?
:(

ktheLeo (कुश शर्मा) said...

vaah!

Rohit Singh said...

सुभानअल्लाह..बस औऱ क्या कहें....

Shabad shabad said...

सुन्दर .....बहुत सुन्दर ....
वाह.. वाह... वाह !

ज्योति सिंह said...

अलफ़ाज़ बेकरार हैं होने को नज़म तरस के कि
आज सुरों कि बरसात होती नहीं
bahut hi khoobsurat rachna .

लता 'हया' said...

ग़ज़ल.'.क्या कहूँ' ? अच्छी लगी.

Anonymous said...

बहुत खूब

Parul kanani said...

very nice..keep it up

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत खूबसूरत गज़ल.....और तसुवर-ऐ यार बहुत पसंद आई...

Dr. Tripat Mehta said...

Sunderta dekhne waale ki aankhon mein hoti hai....
\bahut bahut shukriya aap sabho ka ki aapko meri rachna acchi lagi :)

Bikram said...

Beautiful .. silly will be those who wud say otherwise ... really enjoyed reading .. my hindi is not that great but still enjoyed :)

वीरेंद्र सिंह said...

Bahut hi achha likha hai aapne.
aapke blog per aakar dil khus ho gaya.

वीरेंद्र सिंह said...

Bahut hi achha likha hai aapne.
aapke blog per aakar dil khus ho gaya.

वीरेंद्र सिंह said...

Bahut hi achha likha hai aapne.
aapke blog per aakar dil khus ho gaya.

Ashish (Ashu) said...

आप का धन्यवाद इन सुंदर गजलो को हम तक पहुचाने के लिये

Indrajit said...

brilllaint. it somehow reflects my present state. kp going. :)

Mr Happy said...

aap aur aapki gazal, mast lagi :)

Ankit said...

nothing much to say !!!
excellent is the word !!!

if there wud have been a word as excellentest i wud have given it to you !!

it rocks !!

Dr. Tripat Mehta said...

bahut bahut shukriya aap sabho ka.. :)

ਹਰਦੀਪ ਕੌਰ ਸੰਧੂ said...

चले आए हैं तेरे दर पे कि
आज जाने कि जल्दी नहीं....

ਬਹੁਤ ਵਧੀਆ ਜੀ....

ਜੇ ਆਪਾਂ ਇਉਂ ਕਹਿ ਲਈਏ....
ਬੈਠੇ ਹਾਂ ਤੇਰੇ ਦਰ 'ਤੇ
ਡੇਰਾ ਲਾਈ....
ਜਾਣ ਦੀ ਕੋਈ ਕਾਹਲ਼ੀ ਨਹੀਂ....
ਜੀ ਭਰ ਕੇ ਤੱਕ ਲੈਣ ਦੇ ...
ਝਾਕਿਆਂ ਨਾਲ਼ ਭਰ ਲੈਣ ਦੇ ਝੋਲ਼ੀ ...

संजय भास्‍कर said...

बहुत खूबसूरत गज़ल....

संजय भास्‍कर said...

बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..

सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼ said...

आप जाने को कहेंगी भी तो हम यही कहेंगे....
आज जाने की जिद ना करो....
खूबसूरत!

Vinay said...

बहुत सुन्दर कल्पना और कृति

Dr. Tripat Mehta said...

Shukriya :D

viddhi said...

bahut hi khubsurat ....
apka likhne ka tareeka hume pasand aya ...

bohat dino baad kuch naya dekhne ko mila ...

:)

choti si kavita mein bohat kuch keh gae aap ..... sunada kavita

Rohit Singh said...

बढ़िया लिखा है आपने। गुनगुना रहा हूं....क्या करुं इतनी बढ़िया आवाज नहीं है वरना रिकॉड करके आपको सुनाता कि कितने बढ़िया बोल लिखे हैं आपने

Rohit Singh said...

बढ़िया लिखा है आपने। गुनगुना रहा हूं....क्या करुं इतनी बढ़िया आवाज नहीं है वरना रिकॉड करके आपको सुनाता कि कितने बढ़िया बोल लिखे हैं आपने

पवन धीमान said...

झुलस उठा है अंतर्मन ऐ "तृप्त" कि
आज बरखा भी दामन भिगोती नहीं..बहुत सुन्दर पंक्तियाँ. .. वाह.. बहुत खूब

viddhi said...

all have is one word ...excellent...

magical i should say.. ..!
keep writing ..tc !

Puninagpal said...

great,,, what a fine piece of work..!!

feel so glad to read such a nice composition..!!

Regards,
Puneet

http://puninagpal.blogspot.com/p/mehfil-e-shayari.html

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