वो तुम ही हो न जो
बात बात पर मुझसे लड़ते हो
और फिर मुझे गलत ठहराकर
खुद ही क्षमा भी मांग लेते हो।
वो तुम ही हो न जो
मेरी छोटी-छोटी शरारतों का मज़ा भी लेते हो
और फिर उतनी ही जल्दी
चिढ़ भी जाते हो।
वो तुम ही हो न जो
जो बात-बात पर असहमति दिखाते हो
और फिर अंत में मेरी ही बात को
मान भी लेते हो।
वो तुम ही हो न जो
जो मेरे, तुम्हें बार-बार फ़ोन करने पर भड़क जाते हो
और फिर फूलों का गुलदस्ता देकर
प्रेम से मना भी लेते हो।
वो तुम ही हो न जो
जो मुझे आराम देने के लिए स्वादिष्ट पकवान पकाते हो
और फिर रसोईघर में मचाए गंद को साफ़ करने के लिए
मुझे ही बुलाते हो।
वो तुम ही हो न जो
जो मुझे तंग करने के लिए कोई मौका नहीं छोड़ते हो
और फिर खुद ही भले बनकर
मान मनुहार भी कर लेते हो।
वो तुम ही हो न जो
जो मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हो
और फिर मेरी सुरक्षा के लिए
चिंतित भी रहते हो।
वो तुम ही हो न जो
मेरे किसी गंभीर कथन पर अचानक से ठहाका लगा देते हो
और फिर उतनी ही परिपक़्वता से
मामले को सुलझा भी देते हो।
वो तुम ही हो न जो
जो कभी कभी मुझसे खफा हो जाते हो
और फिर मेरे थोड़ा सा मनाने पर
झट से मान भी जाते हो।
हाँ प्रियवर वो तुम ही हो जो
मेरे हम कदम हो
आदि से अनंत काल तक
सदा सर्वदा से मुझमें हो
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