Tuesday, July 27, 2010

दिले-बयाँ

नैन चक्षुओं को खुलना सिखा मौला,
ज़र्रे-ज़र्रे में तेरे अक्स को देखना सिखा मौला

कर्णों से सुनना सिखा मौला,
कौने -कौने में तेरे नाम कि अपार चर्चा सुनना सिखा मौला

नथनों से सूंघना सिखा मौला,
सृष्टि के कण-कण में बसी तेरी मदमस्त सुगंधी में डूबना सिखा मौला

कंठ को तेरी उस्तत करना सिखा मौला,
हर लफ़्ज में तेरा ज़िक्र हो ऐसा कोई नायाब गीत सिखा मौला

हस्त से लिखना सिखा मौला,
कविता के प्रत्येक शब्द में तेरे नाम का गुण-गान करना सिखा मौला

उदर कि क्षुदा को तड़पना सिखा मौला,
तेरे ध्यान कि ऊर्जा से भूखे पेट को भरना सिखा मौला

क़दमों को चलना सिखा मौला,
सकल द्वार को छोड़ कर तेरे नूरे-द्वार पर रुकना सिखा मौला

कामिनी को ख़सम होना सिखा मौला,
जन्म-मरण के चक्रव्यूह से अब तो विश्राम करना सिखा मौला

31 comments:

Mr Happy said...

mujhe bhi preerna jaise likhna sikha maula :)

wonderfully put up........

Anonymous said...

सच्चे और बहुत अच्छे मनोभाव

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" said...

बहुत सुन्दर भावनाएं !

Anonymous said...

beautiful.

nil said...

Beautiful. Simply beautiful.

Parul kanani said...

saral..sahaj...bhawanayen...aur ek sundar kasak..so nice

VIVEK VK JAIN said...

randomly landed here......nice blog.
beautiful poem.

gaurtalab said...

aaj agar aap comment aakar na deti to shayad main kab yaha pahuchta...nice blog aur bahut umda rachnaye.thanks to visit me.

हरकीरत ' हीर' said...

हर लफ़्ज में तेरा ज़िक्र हो ऐसा कोई नायाब गीत सिखा मौला

बहुत सुन्दर....!!

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

बहुत शानदार... भाव.....

Ankit said...

beautiful !!
Awesum !!
Mind Blowing !!
jhakassss !!!
Aur kya likhun !!!

Itz out of this world !!!

Happy Blogging and take care !!!

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

सुन्दर लेखन .....

नैन और चक्षु ....दोनों का अर्थ एक ही है ...यदि एक ही शब्द का प्रयोग किया जाता तो बेहतर होता ..

Hardeep said...

सुन्दर भाव.....

sandhyagupta said...

भक्ति रस में डुबो दिया.शुभकामनायें.

Indrani said...

Great lines.

रवि धवन said...

बेहद सुंदर रचना। बार बार पढऩे को जी चाह रहा है।

हास्यफुहार said...

बहुत अच्छी प्रस्तुति।

Urmi said...

बहुत सुन्दर लिखा है आपने ! उम्दा प्रस्तुती!
मित्रता दिवस की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनाएँ!

Raindrop said...

beautiful...i find the style to be quite unique. in a sense...use to shuddha hindi words and urdu in the same sentence with ease. only a person expert in both can do that.

वीरेंद्र सिंह said...

Bahut hi sunder......

ज्योति सिंह said...

कंठ को तेरी उस्तत करना सिखा मौला,
हर लफ़्ज में तेरा ज़िक्र हो ऐसा कोई नायाब गीत सिखा मौla
bahut hi sundar .

रचना दीक्षित said...

बेहद सुंदर रचना।

संजय भास्‍कर said...

बहुत सुन्दर लिखा है आपने ! उम्दा प्रस्तुती!

संजय भास्‍कर said...

maine aapko virender ji ke blog se follw kiy ahai..

bahut hi sunder blog hai..

Anonymous said...

bahut sundar likha hai...

Pls Visit My Blog and Share ur Comments....
http://bannedarea.blogspot.com


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सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼ said...

Main zyaada nahin maangtaa!!!!
Sahaj, Saral aur Khoobsoorat!

Dimple Maheshwari said...

आपकी टिपण्णी के लिए आपका आभार ...अच्छी कविता हैं...बहुत अच्छी .

PN Subramanian said...

बहुत ही सुन्दर ग़ज़ल. आभार.

अंजना said...

सुन्दर भाव..

viddhi said...

simply beautiful !

viddhi said...

beautifully written ! :)

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