आज अचानक
कहीं गहरे अंतस में
उसी मंदिर कि घंटियाँ फिर से बजने लगी हैं
और आरती सुनाई देने लगी है
जब मैं और मेरी सहेलियाँ
छुट्टी वाले दिन
बड़े ही चाव से बन-ठन के
मंदिर जाया करती थी
हर शाम घंटी बजने का
इंतज़ार किया करतीं थीं
सच...
आज़ाद परिंदा था मन उन दिनों
जिसकी उड़ान की
कोई सीमा नहीं थी,
कोई निश्चित दिशा नहीं थी
बिल्कुल आज़ाद, बंदिशों रहित,
निर्मल, स्वच्छ आकाश में
उड़ान भरने को सदा तत्पर...
खुले-आम जी भर के जीने वाला
चित...
जिसका कही कोई मुकाबला ही नही था...
लेकिन आज अगर ढूंढने भी निकलूँ,
तो भी नहीं मिलता वो मंदिर
कान मानो तरस रहें हों आरती की आवाज़ को...
सहेलियों के भी धरौंदे टूटते समय न लगा
और कच से टूट कर बिखर गए
अब कोई राहगीर नहीं रहा राह में
और मन....
मन जैसे प्रत्येक क्षण
करहा रहा हो...छटपटा रहा हो...
एक बार फिर से उसी गगन को
चूमने को तरस रहा हो...
मगर अफ़सोस
उडारी भर न सकेगा
इन बंदिशों, बेड़ियों, समाज की खोखली जंजीरों में
बंध कर जो रह गया है
न जी सकेगा, न मर सकेगा
बस यूँ ही
घुट-घुट कर आहें भर कर रह जाएगा...
और इंतज़ार करेगा
एक नई प्रभात का
वाटिका में नई कोपलों के फूटने का
एक सुन्दर नवीन संसार का...
Saturday, October 2, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
नजाने क्यों
नजाने क्यों, सब को सब कुछ पाने की होड़ लगी है नजाने क्यों, सब को सबसे आगे निकलने की होड़ लगी है जो मिल गया है, उसको अनदेखा कर दिया है और जो...
-
नजाने क्यों, सब को सब कुछ पाने की होड़ लगी है नजाने क्यों, सब को सबसे आगे निकलने की होड़ लगी है जो मिल गया है, उसको अनदेखा कर दिया है और जो...
-
सर्दियों की मखमली धूप से भी ज्यादा कोमल है तेरी यादों का स्पर्श तेरे साथ बीता मेरा हर पल, मादक है कहतें है मदहोशी की बातें ज़हन में नहीं ...
-
यादों कि डालियों पे ख़्वाबों ने जज्बादों के धरौंदों पर अनगिनत लम्हों का सुंदर आशिआना बना रखा है दिल के आँगन में अरमानो के मनमोहक खिलखि...
34 comments:
apane udgar piroe hai aapne .....vo bhor aapke hee hatho hai lana.....apane aap nahee aane walee..........apnepar vishvas mat khoiye...........
Aasheesh
वह नयी सुबह ज़रूर आएगी ...अच्छी प्रस्तुति
As usual.. just great.
your talent of having so much command over your language amazes me. good job! :)
awesome ! :)
सच...
आज़ाद परिंदा था मन उन दिनों
जिसकी उड़ान की
कोई सीमा नहीं थी,.....
-
-
भावनात्मक एहसासों से भरी बेहद सुन्दर कविता
रचना पढ़कर बहुत अच्छा लगा
आभार
शुभ कामनाएं
न जी सकेगा, न मर सकेगा
बस यूँ ही
घुट-घुट कर आहें भर कर रह जाएगा...
......
अंतर्मन की कशिश को उजागर करती बहुत सशक्त अभिव्यक्ति.....बधाई....
नई सुबह के इंतज़ार में भावपूर्ण अभिव्यक्ति.
bhawon aur shabdon ka adbhut samanjan apki kavitaon me hai badhai
Beautiful creation !
Thanks for inviting me.
I will come again.
I am in a hurry now.
Sorry for being unable to make any worthwhile comment.
I am an engineer by profession, more comfortable with numbers, diagrams, drawings, and formulae than with words, emotions and feelings.
So please don't expect too much from me in the form of comments.
Any way, here is my feeble attempt to make a comment.
If it is a stupid comment, please pardon me.
मैं शायर तो नहीं!
मगर ओ प्रेरणाजी,
जब से पढा
मैंने तुमको
टिप्पाणी आ गई
Regards
G Vishwanath
gr8 yaar,
wo prabahat kaash jaldi aaye
सुन्दर प्रबोध गीत ....इम्प्रेसड!
उस सुबह का इन्तजार..सुन्दर!!
और इंतज़ार करेगा
एक नई प्रभात का
वाटिका में नई कोपलों के फूटने का
एक सुन्दर नवीन संसार का...
khubshurat panktiyan..:)
wo pyari subah jarur aayegi........jo tajgi aur pyar failayegi........:)
वाह, आप तो बहुत शानदार लिखती हैं...बधाई.
________________
'पाखी की दुनिया' में अंडमान के टेस्टी-टेस्टी केले .
एक बात जो परेशां कर रही है..... क्या बादल गया 'तब' में और 'अब' में?
इन्श'अल्लाह नयी सुबह आयेगी!
आमीन!
आशीष
और इंतज़ार करेगा
एक नई प्रभात का
वाटिका में नई कोपलों के फूटने का
एक सुन्दर नवीन संसार का...
..इसके बाद फिर इन पंक्तियों को पढ़ने की इच्छा हुईं..
आज अचानक
कहीं गहरे अंतस में
उसी मंदिर कि घंटियाँ फिर से बजने लगी हैं।
..अच्छा लगा।
टंकण त्रुटी सुधार लें..
धरौंदे...करहा रहा हो..
और इंतज़ार करेगा
एक नई प्रभात का
वाटिका में नई कोपलों के फूटने का
एक सुन्दर नवीन संसार का...
..इसके बाद फिर इन पंक्तियों को पढ़ने की इच्छा हुईं..
आज अचानक
कहीं गहरे अंतस में
उसी मंदिर कि घंटियाँ फिर से बजने लगी हैं।
..अच्छा लगा।
टंकण त्रुटी सुधार लें..
धरौंदे...करहा रहा हो..
bahut khoob....
beautiful1
very nice
सुंदर भावपूर्ण रचना के लिए बहुत बहुत आभार.
amen to that
hoga zaroor hoga ek din woh nai parbhat da sooraj zaroor uday hoga :)
just have faith it will come sooner then u expect :)
Bikram's
wish u a happy diwali and happy new year
और इंतज़ार करेगा
एक नई प्रभात का
वाटिका में नई कोपलों के फूटने का
एक सुन्दर नवीन संसार का...
bahut hi sundar likhti ho ,man ko chhoo gayi rachna .
beautiful as always !!!
nothing more to say !!
vow.... really wonderful.!!
अपने दिल में उठी हूक को आपने शब्द रूपी मोतियों की जिस माला में पिरोया है वो वाकई में काबिल-ए-तारीफ़ है मोहतरमा.....!
will u plz tell ur name...???
Lovely Poem! :)
nice to be here liberalflorence.blogspot.com admin discovered your blog via Google but it was hard to find and I see you could have more visitors because there are not so many comments yet. I have discovered website which offer to dramatically increase traffic to your website http://xrumerservice.org they claim they managed to get close to 1000 visitors/day using their services you could also get lot more targeted traffic from search engines as you have now. I used their services and got significantly more visitors to my site. Hope this helps :) They offer most cost effective backlinks service Take care. Jason
First time i steeped in here....nice post
I wonder where you get such great words from! :)
First off I would like to say great blog! I had a quick question which
I'd like to ask if you don't mind. I was interested to find out how you
center yourself and clear your thoughts prior to
writing. I have had trouble clearing my thoughts in getting my
thoughts out. I truly do enjoy writing but it just seems like the first
10 to 15 minutes are lost just trying to figure out how
to begin. Any suggestions or hints? Many thanks!
Also visit my website: how to buy a car
Also see my webpage > buying a car with bad credit,buy a car with bad credit,how to buy a car with bad credit,buying a car,buy a car,how to buy a car
There's definately a lot to find out about this issue. I like all of the points you made.
My web page - buying a car with bad credit
excellent publish, very informative. I wonder why the other specialists of this sector do not notice this.
You must continue your writing. I am confident, you've a great readers' base already!
Also visit my webpage - how to get pregnant
Post a Comment