Sunday, March 15, 2009

मिलन

मेरी इबादत रंग ले आई
आज चारो तरफ़ प्रेम की कलियाँ मुस्काई
मेघ भी जम कर बरसे
आज इन्द्रधनुष ने भी भरपूर रंग दिखाए
चांदनी जी भर के बिखेरी चाँद ने
आज सिमट गया हर भंवरा कलि में
महक गई दिशाए संदली सी खुशबू से
आज पूरी हो गई हर तमन्ना दीदार - ऐ - यार से
जुदाई के काले बादलों की छठा हट गई
आज नदी सागर से जा कर मिल ही गई
नाच उठे अनगिनत मौर दिल के बागीचे में
आज पाया ख़ुद को उनकी बाहों में
हर पल थी इसी पल के इंतज़ार में
आज हो गई "पूरी" उनके प्यार में

6 comments:

दर्पण साह said...

जुदाई के काले बादलों की छठा हट गई
आज नदी सागर से जा कर मिल ही गई

...ye lambe safar ke baad milne wali manzil ki khushi hai...

..behtarin chitran...

मुकेश कुमार तिवारी said...

डॉ. साहिबा,

हर पल थी इसी पल के इंतजार में
आज हो गई पूरी उनके प्यार में

बहुत ही खूबसूरत भाव है. वैसे आपकी टिप्पणी पढने के बाद ही यहाँ आ पाया, सुकून भरा लगा. मेरे ब्लॉग पर आने का शुक्रिया.

मुकेश कुमार तिवारी

Prem Farukhabadi said...

नाच उठे अनगिनत मौर दिल के बागीचे में
आज पाया ख़ुद को उनकी बाहों में
हर पल थी इसी पल के इंतज़ार में
आज हो गई "पूरी" उनके प्यार में
badhaai.You are really extrovert. keep it up dear.

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) said...

haan use vahin to jaakar milnaa bhi tha.........acchi rachnaa...aabhaar...!!

डिम्पल मल्होत्रा said...

boht achha...aaj puri ho gyee unke pyar me...boht hi achha kaha hai....

Dr. Tripat Mehta said...

shukriya...

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